इस वेब स्टोरी में हम आपको म्यूचुअल फंड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट के बीच के अंतर को बताया जायेगा

आज के समय में भारत में एक आम आदमी के लिए बचत और निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद है

 एक तरफ आबादी का एक बड़ा हिस्सा फिक्स्ड डिपॉजिट में अपना पैसा निवेश करते है जबकि अधिक रिटेन की मांग करने वाले लोग म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाते है

वर्तमान समय में म्यूचुअल फंड निवेश का सबसे लोकप्रिय तरीका है जिसका सीधा संबंध शेयर बाजार है तथा म्यूचुअल फंड के माध्यम से लोग अप्रत्यक्ष रूप से शेयर बाजार में निवेश करते है

 जिन लोगों को शेयर मार्केट के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है वह म्युचुअल फंड में अपना पैसा निवेश करना पसंद करते है

म्यूचुअल फंड का संबंध शेयर मार्केट से है इसलिए म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला रिटर्न स्टॉक मार्केट से प्रभावित होता है। म्यूचुअल फंड के अंतर्गत SIP के द्वारा एक निश्चित राशि से व्यक्ति प्रतिमाह निवेश कर सकता है

वही दूसरी तरफ बहुत से लोग फिक्स्ड डिपॉजिट में अपना पैसा निवेश करते है क्योंकि यह अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले काफी ज्यादा से सुरक्षित होते है तथा इस पर एक निश्चित दर से ब्याज भी मिलता है

बैंक द्वारा एफडी पर जो ब्याज दिया जाता है वह पूरी तरह  से आरबीआई के रेपो रेट पर निर्भर करता है